जाने 5 कपालभाति प्राणायाम के फायदे और इसे कैसे करे – Kapalbhati Benefits in Hindi

कपालभाति शब्द संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘कपाल’ (तालु) और ‘भाति’ (चमकना)। इस प्राणायाम में हम अपने श्वास को नियंत्रित करते हैं और अपनी सांस को अंदर-बाहर करते हैं। यह क्रिया हमारे श्वास नलियों को स्वचालित करती है और हमारे शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करती है। इस लेख में हम आपको कपालभाति प्राणायाम के फायदे के बारे में बता रहे हैं।

कपालभाति प्राणायाम एक प्राणायाम क्रिया है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा के लिए बहुत लाभदायक होती है। यह एक प्राचीन योगासन है जिसे हमने अपनी संस्कृति से प्राप्त किया है। इस प्राणायाम को करने से हमारे मस्तिष्क को शक्ति मिलती है और हमारा मन शांत होता है।

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कपालभाति प्राणायाम के फायदे:

1. श्वास तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद

कपालभाति प्राणायाम श्वास तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह श्वास विधान को साफ करता है और श्वास के लिए उचित प्रवाह को बनाए रखता है। इससे श्वास तंत्र की क्षमता बढ़ती है और दिल की सेहत को भी सुधार मिलता है।

2. तनाव को कम करने में सहायक

कपालभाति प्राणायाम तनाव को कम करने में मदद करता है। यह मन को शांत करने और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में सक्षम होता है। नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम करने से मानसिक तनाव कम होता है और ध्यान की क्षमता में वृद्धि होती है।

3. पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक

कपालभाति प्राणायाम पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। यह पेट के अंदरी और बाहरी अंशों की मालिश करता है और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इससे खाने की प्रक्रिया सुचारू रूप से होती है और पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

4. शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में सहायक

कपालभाति प्राणायाम शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है। यह प्राण शक्ति को जगाता है और शरीर को ताजगी और ऊर्जा से भर देता है। इससे आपका मन ताजगी और ऊर्जा से भरा रहता है और दिनभर की गतिविधियों में आपको अधिक सक्रिय बनाता है।

5. रोगों से सुरक्षा में मददगार

कपालभाति प्राणायाम शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मददगार होता है। यह शरीर को विभिन्न रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है और इम्यून सिस्टम को सक्रिय रखने में मदद करता है। इससे आपकी संवेदनशीलता और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

6 . फैट को कम करने में मददगार

पेट की फैट को कम करना है तो कपालभाति प्राणायाम करना फ़ायदेमंद रहता है।

कपालभाति प्राणायाम कैसे करें

कपालभाति प्राणायाम एक ऐसा प्राणायाम है जिसे नाक के माध्यम से किया जाता है। यह श्वास को नियंत्रित करने और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, यह मस्तिष्क को ताजगी देता है और मानसिक स्थिति को सुधारता है।

कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका:

1. सबसे पहले, सीधे और आराम से बैठें। अपने पीठ को सीधा रखें और आंखें बंद करें।

2. अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इससे आपका शरीर स्थिर रहेगा।

3. अपने नाक से गहरी सांस लें।

4. जल्दी से सांस बाहर निकले और अपने पेट को अंदर की ओर खींचें जैसे कि आप अपने पेट को रीढ़ की हड्डी की    और अंदर खींच रहे हों। यह एक झटके की भांति होना चाहिए।

5.   ध्यान रखें कि आपकी श्वास केवल नाक से होनी चाहिए, मुंह से नहीं।

6. अब अपने पेट को ढीला छोड दे और श्वास को सामान्य रूप से फेफड़ो में आने दे।

7. इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे करें जैसे कि आप एक बेलन को उठाने और उसे छोड़ने की क्रिया कर रहे हों।

8. श्वास को नियंत्रित करने के लिए इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं।

9. इस क्रिया को शुरुवात में 15  से 20  बार करे और समय के साथ बढ़ाते हुए 50 से 60 बार तक कर सकते हो।

ध्यान दें कि कपालभाति प्राणायाम को सही तरीके से करना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप नए हैं तो इसे एक योग गुरु के निर्देशन में करें। सावधानी बरतें और अपने शरीर की सुनें। यदि आपको किसी तरह की अस्वस्थता महसूस होती है, तो तुरंत योग गुरु या चिकित्सक से संपर्क करें।

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कपालभाति प्राणायाम के फायदे के बारे में आम सवाल:-

FAQ

1. कपालभाति प्राणायाम कितनी बार करना चाहिए?

कपालभाति प्राणायाम को शुरू में धीरे-धीरे करना चाहिए और समय बढ़ाते जाएं। आप 10-15 बार से शुरू कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे उसे 50-100 बार तक बढ़ा सकते हैं।

2. कपालभाति प्राणायाम किसे नहीं करना चाहिए?

कपालभाति प्राणायाम को गर्भावस्था, गर्भपात, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मांसपेशियों की बीमारी और माइग्रेन जैसी समस्याओं वाले लोगों को नहीं करना चाहिए। इससे पहले किसी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

3. कपालभाति प्राणायाम रोज़ाना करना चाहिए?

हाँ, कपालभाति प्राणायाम को नियमित रूप से रोज़ाना करना चाहिए। इसे सबसे अच्छा सुबह के समय करना चाहिए।

4. कपालभाति प्राणायाम किस उम्र से किया जा सकता है?

कपालभाति प्राणायाम को 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों से शुरू किया जा सकता है। बच्चों को इसे किसी योग गुरु के प्रशिक्षण में करना चाहिए।

कपालभाति प्राणायाम एक शक्तिशाली प्राणायाम है जो शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यदि आप इसे नियमित रूप से करते हैं, तो आपको इसके फायदे अनुभव होंगे। लेकिन इससे पहले किसी योग गुरु से परामर्श लेना अच्छा रहेगा।

अकेले योग करने से पहले सावधानियां:

1. सबसे पहले, किसी योग गुरु से परामर्श लें और उनके निर्देशों का पालन करें।

2.  खाली पेट योग करें या भोजन करने के 2-3 घंटे बाद करें।

3. ध्यान केंद्रित रखें और सबकुछ ध्यान से करें।

4. अपने शरीर की सीमाओं को जानें और उसे ज़बरदस्ती न खिंचें।

5. योग करने के दौरान अपने सांस और शरीर के अनुसार काम करें।

6. योग करने के बाद 30 मिनट तक कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए।

योग एक आदर्श तरीका है अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखने का। कपालभाति प्राणायाम एक महत्वपूर्ण प्राणायाम है जिसे नियमित रूप से करने से आपको शारीरिक और मानसिक फायदे मिलेंगे। इसे अपने योग रूटीन में शामिल करके आप अपने जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं।

इस लेख में हमने कपालभाति प्राणायाम के फायदों के बारे में बताया है। आशा है कि यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगी।

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